Rhea Chakraborty नशे के Gang का हिस्सा नहीं Bombay High Court

Rhea Chakraborty not a part of drug gang Bombay High Court grants bail

Bombay High Court ने फिल्म अभिनेत्री Rhea Chakraborty को जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने रिया को नशीली दवाओं के Gang से जुड़े होने की बात को नकार दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिया को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी है। रिया के साथ साथ हाई कोर्ट ने Dipesh Sawant और Samuel Miranda को भी जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने हालांकि रिया के भाई Shovik Chakraborty और Abdul Parihar की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।


हाई कोर्ट के Justice S.V Kotwal ने अपने आदेश में कहा, “वह (रिया चक्रवर्ती) नशीली दवाओं के कारोबारियों से नहीं जुड़ी है। उसने पैसे या किसी और तरह के लाभ के लिए तथाकथित तौर पर हासिल की नशीली दवाएं किसी और को नहीं दीं।” Narcotics Control Bureau यानी NCB ने रिया चक्रवर्ती को आठ सितंबर को गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया था कि वह नशीली दवाओं के कारोबारी गैंग की सक्रिय सदस्य है।


जस्टिस कोतवाल ने कहा कि उसकी आपाराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है इसलिए जमानत मंजूर करने की पर्याप्त वजहें है कि वह जमानत की अवधि के दौरान कोई अपराध नहीं करेगी। कोर्ट ने एनडीपीएस कानून की धारा 27 ए लगाने को भी गलत बताया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,“केवल किसी एक लेनदेन या कुछ लेनदेन के लिए पैसे देना उस गतिविधि के लिए वित्तीयन करना नहीं है। वित्तीयन के लिए जरूरी है कि वह राशि इसलिए दी जाए ताकि वह गतिविधि चलती रहे।”


हालांकि जमानत के दौरान रिया को शुरुआत के 10 दिन तक नजदीकी थाने में रोजाना हाजिरी लगानी होगी। साथ ही वह विदेश यात्रा नहीं कर सकती हैं। कोर्ट ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि रिया ने सुशांत सिंह राजपूत पर दबाव डाला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ न तो कोई आपराधिक मामला था और न ही कोई एफआईआर दर्ज थी। वह अपने घर में रह रहा था और अपने भोजन और बाकी जरूरतों पर खर्च कर रहा था। उसको अपनी गिरफ्तारी की भी आशंका नहीं थी। इसलिए यह कहना गलत होगा कि वादी ने उसे आश्रय दे रखा था।

दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा को पचास पचास हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। इनके पासपोर्ट भी जमा करवा लिए गये हैं।
हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी पांच जमानत अर्जियों पर लंबी सुनवाई के बाद 29 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। एनसीबी की ओर से एएसजी अनिल सिंह ने आदेश के अमल पर स्थगन की अपील की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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