आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान उठे मुद्दों का जवाब दिया। भाषण के दौरान मोदी ने किसान आंदोलन को लेकर कहा हैं कि, किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है।
मोदी ने किसानों को टेबल में बैठकर बात करने के लिए प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस को आढ़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि, यहां कांग्रेस के साथियों ने कानून के कलर पर काफी चर्चा की कि ब्लैक है कि व्हाइट है। अच्छा होता उसके कंटेंट पर चर्चा करते, अच्छा होता उसके इंटेंट पर चर्चा करते ताकि देश के किसानों तक सही चीज पहुंचती।
सदन में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, दादा ने भी भाषण दिया। लेकिन वह ज्यादातर समय इसकी बात करते रहे कि, पीएम और उनके साथी बंगाल में यात्रा क्यों कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं… दादा, इस बार आपके ज्ञान से वंचित रह गए। पीएम ने आगे कहा कि आंदोलन कर रहे सभी किसान साथियों की भावनाओं का सदन और सरकार भी आदर करती है और करती रहेगी। इसीलिए सरकार के वरिष्ठ मंत्री पंजाब में और बाद में आंदोलन बढ़ने पर भी सम्मान भाव के साथ बातचीत कर रहे हैं।
देखा जाएं तो इतने दिनों से दिल्ली में चल रहें हंगामे का जवाब आज मोदी ने संसद में दे दिया हैं। अब देखना होगा कि, यह आंदोलन यूही जारी रहेगा, या प्रधानमंत्री के भाषण के बाद कोई हल निकलेगा।