नवरात्री के 9 वें दिन यानि के नवमी को मां के सिद्धिदात्री रूप की पूजा अर्चना की जाएगी। इनकी आराधना से जातक अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसांयिता, दूर श्रवण, परकाया प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्तनव-निधियों की प्राप्ति होती है।
इनके नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली मां को मां सिद्धिदात्री कहा गया है।
देवी के बीज मंत्र “ऊँ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नम:” से कम से कम 108 बार आहुति दें। या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।