देश के लिए अंग्रजों से लड़ते हुए अपनी छोटी से उम्र में ही जान की परवाह किए बिना मां भारती के आज़ादी के लिए खुद को मिटाने वाले शहीद ए आज़म Bhagat Singh का आज पूरे देश में जयंती मनाया जा रहा है।
भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में भगत सिंह वह नाम है, जो हंसते हंसते भारत मां के लिए कुर्बान हो गया था। 28 September 1907 को पंजाब के लायलपुर और बंटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में जन्में भगत सिंह एक ऐसा क्रांतिकारियों में से थे, जिन्होंने कम उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान न्योछावर कर दी थी।
उनके जयंती के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए लिखा, “मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी।”
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी Tweet करतेे हुए भगत सिंह को याद करके लिखा, “
भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे।”
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुती देश के लिए देने वाले शहीद ए आज़म भगत सिंह को आज भी, देश के युवाओं के लिए सबसे बड़े आइडल माने जाते हैं, फिर चाहे किताबें हो या फिर सोशल मीडिया, भगत सिंह हमेशा हर जगह छाए रहते हैं।