भारत-चीन के बीच गतिरोध खत्म करने की प्रक्रिया में अभी ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी से, टैंकों को पीछे कर लिया गया है। डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भारत और चीन की सेना के लोकल कमांडर्स की मीटिंग हुई। जिसके बाद पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे से दोनों देशों ने अपने टैंकों को पीछे करना शुरू किया।
खबरों के मुताबिक, बुधवार को टैंकों के साथ ही कॉम्बेट वीइकल को भी पीछे हटाना शुरू किया गया। मिडिया रिपोर्टस की मानें तो, इंडियन आर्मी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक दोनों देशों ने दक्षिणी किनारे पर बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती की थी। उन्होंने बताया कि हर कदम का दोनों देश जॉइंट वेरिफिकेशन भी कर रहे हैं। इसमें फिजिकल वेरिफिकेशन के साथ ही इलैक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन भी होगा। इलैक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन के लिए सैटलाइट इमेज के साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
नवभारत टाईम्स में छपी खबरल के मुताबिक, आर्मी के सिनियर अधिकारी ने बताया कि, पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे से जहां सबसे पहले टैंकों को पीछे किया जा रहा है वहीं उत्तरी किनारे से सैनिकों की संख्या कम करनी शुरू हुई है। आपको बतातें चलें कि, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के इलाके में करीब दस महीनों से जारी सीमा का विवाद अब खत्म होने की ओर है।
वही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को देश की संसद में ऐलान किया कि भारत-चीन पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद को खत्म करने पर सहमत हुए हैं। दोनों ही देश, की सेनाएं पैंगोंग लेक के नॉर्थ-साउथ इलाके से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाएगा।