किसान आंदोलन को अब लगभग 1 महिना होने को हैं। केंद्र के साथ बातचीत में भी कोई हल निकल कर अभी तक सामने नहीं आया है। ऐसे में कल से अब किसान भूख हड़ताल पर भैठने वाले है। बता दें कि, आने वाले 23 दिसंबर को किसान दिवस हैं और इससे पहले किसान कल से ही भूख हड़ताल पर जा रहे है। किसान नेता राकेश टिकैत ने अपील की है कि किसान दिवस के दिन लोग लंच ना बनाएं।
किसान आंदोलन का एक और पहलू यह भी हैं कि, इस कानून का सर्मथन पश्चिमी यूपी के किसान कर रहे हैं और रविवार को सारे किसान कृषि भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कानूनों का समर्थन करते हुए ज्ञापन सौंपा हैं।
वही, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान सभी प्रदर्शन स्थलों पर 21 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा है कि, हरियाणा के किसान 25 से 27 दिसंबर तक टोल नहीं देंगे।
इस कानून को लेकर , बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन किसान नहीं बल्कि “दलाल” चला रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ताओं ने अमृतसर में आज Candle March निकाल कर उन किसानों को श्रद्धांजलि दी है, जिन किसानों ने इस आंदोलन में अपनी जान गवाई है।