आज मां के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाएगी। यह भगवान शिवजी की अर्धांगिनी या पत्नी हैं।
इस दिन मां को चुनरी भेट करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विधान है।
मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ अर्थ: हे माँ!
महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं, समस्त पापों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है।